Bamboo containers पेड़ से घास की श्रेणी में आते ही किसानों के लिए ‘हरा सोना’ बन गया बांस. इसकी खेती के लिए 50 फीसदी की मदद देती है सरकार. बांस की 136 प्रजातियां हैं. उनमें से 10 का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हो रहा है. अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग बांस की प्रजाति है. आप खुद चयन कीजिए कि किस काम के लिए बांस लगा रहे हैं.
Bamboo containers
कुछ साल पहले तक अगर कोई किसान बांस काटता था तो उस पर फॉरेस्ट एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज हो जाती थी. किसान बांस लगा सकता था लेकिन काट नहीं सकता था. नियमों का हवाला देकर वन विभाग के अधिकारी और पुलिस वाले ऐसा करने वालों को परेशान करते थे। Bamboo containers
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लेकिन मोदी सरकार ने बांस को पेड़ की कैटेगरी से हटाकर उसे घास की श्रेणी में शामिल कर दिया। इसके बाद किसानों की कमाई का एक नया रास्ता खुल गया। सरकार ने नेशनल बैंबू मिशन बनाकर किसानों को आर्थिक मदद भी देनी शुरू कर दी। सिर्फ नार्थ-ईस्ट ही नहीं पूरे देश में बांस की खेती का विस्तार करने की योजना बनाई। बांस किसानों के लिए ‘हरा सोना’ बन गया। Bamboo containers
आज 18 सितंबर को ‘विश्व बांस दिवस’ है. वर्ष 2009 में ‘वर्ल्ड बैम्बू डे’ मनाने की शुरुआत की गई थी. ताकि बांस के प्रति लोंगों में जागरूकता बढ़ सके. आज हम इसकी खेती पर मिलने वाली मदद के बारे में बताएंगे. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार इसकी खेती में तीन साल में औसतन 240 रुपये प्रति प्लांट की लागत आती है.
जिसमें से 50 फीसदी यानी 120 रुपये प्रति प्लांट की मदद सरकार करेगी. बांस की खेती तैयार होने में लगभग चार साल का वक्त लगता है. चौथे साल में कटाई शुरू कर सकते हैं. चूंकि इसका पौधा तीन-चार मीटर की दूरी पर लगाया जाता है इसलिए इसके बीच की जगह पर आप कोई दूसरी खेती भी कर सकते हैं. यानी सब्सिडी भी मिलेगी और खेती में तो डबल फायदा है ही।
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पूर्वोत्तर में ज्यादा मिलती है मदद
- बांस की खेती के लिए 50 फीसदी सरकार देगी और 50 फीसदी किसान लगाएगा.
- अधिकारियों के अनुसार 50 फीसदी परसेंट सरकारी शेयर में 60 फीसदी केंद्र और 40 फीसदी राज्य की हिस्सेदारी होगी। Bamboo containers
- लेकिन पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए नियम अलग हैं. वहां सरकार 60 फीसदी पैसा लगाएगी और 40 फीसदी किसान लगाएगा।
- 60 फीसदी सरकारी पैसे में 90 फीसदी केंद्र और 10 फीसदी राज्य सरकार का शेयर होगा।
- यानी केंद्र सरकार ज्यादा पैसा देगी.
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कहां से मिलेगी सब्सिडी की जानकारी
- नेशनल बैंबू मिशन को आगे बढ़ाने के लिए हर राज्य में मिशन डायरेक्टर बनाए गए हैं।
- जिलेवार भी अधिकारी तय हैं कि कौन इस काम को देखेगा. इसमें कृषि, वन और उद्योग तीन विभाग शामिल होते हैं। Bamboo containers
- अगर आपको बांस की खेती के लिए मदद चाहिए तो जिले में इसके नोडल अधिकारी से संपर्क करें।
- बांस अब न सिर्फ कंस्ट्रक्शन के काम आ रहा है बल्कि इससे फर्नीचर बना सकते हैं।
- फ्लोरिंग कर सकते हैं. हैंडीक्रॉफ्ट और ज्वैलरी भी तैयार कर सकते हैं।
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दस किस्मों का ज्यादा होता है इस्तेमाल
- बांस की 136 प्रजातियां हैं. उनमें से 10 का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हो रहा है।
- अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग बांस की प्रजाति है. आप खुद चयन कीजिए कि किस काम के लिए बांस लगा रहे हैं। Bamboo containers
- सरकारी नर्सरी से फ्री में बांस की पौध मिलेगी. एक हेक्टेयर में 1500 से 2500 पौधे लगा सकते हैं।
- चार साल बाद 3 से 3.5 लाख रुपये की कमाई होने लगेगी. बांस की पौध लगभग 40 साल चलती है इसलिए हर साल रिप्लांटेशन की जरूरत नहीं होगी।
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